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NAAT-HINDI

मेरा दिल तड़प रहा है, मेरा जल रहा है सीना
कि दवा वहीं मिलेगी, मुझे ले चलो मदीना

नहीं माल-ओ-ज़र तो क्या है ! मैं ग़रीब हूँ यही ना !
मेरे इश्क़ मुझ को ले चल तू ही जानिब-ए-मदीना

मेरा दिल तड़प रहा है, मेरा जल रहा है सीना
कि दवा वहीं मिलेगी, मुझे ले चलो मदीना

दीदार-ए-मुस्तफ़ा को आँखें तरस रही हैं
दुश्वार हो गया है उन के बग़ैर जीना

मेरा दिल तड़प रहा है, मेरा जल रहा है सीना
कि दवा वहीं मिलेगी, मुझे ले चलो मदीना

तस्वीर-ए-मुस्तफ़ा जो नज़र आ रही है दिल में
मैं सोचता हूँ दिल में, मेरा दिल है या मदीना

मेरा दिल तड़प रहा है, मेरा जल रहा है सीना
कि दवा वहीं मिलेगी, मुझे ले चलो मदीना

मुझे गर्दिशों न छेड़ो, मेरा है कोई जहाँ में
मैं अभी पुकार लूँगा, नहीं दूर है मदीना

मेरा दिल तड़प रहा है, मेरा जल रहा है सीना
कि दवा वहीं मिलेगी, मुझे ले चलो मदीना

शब-ओ-रोज़ बढ़ रहा है मेरी तिश्नगी का आलम
ये प्यास कब बुझेगी, मेरे साक़ी-ए-मदीना !

मेरा दिल तड़प रहा है, मेरा जल रहा है सीना
कि दवा वहीं मिलेगी, मुझे ले चलो मदीना

मुश्क-ओ-गुलाब-ओ-अम्बर हर एक शय से बेहतर
दोनों जहाँ में महका सरकार का पसीना

मेरा दिल तड़प रहा है, मेरा जल रहा है सीना
कि दवा वहीं मिलेगी, मुझे ले चलो मदीना

इक़बाल ना-तवाँ की बस एक इल्तिजा है
रहे ज़िंदगी सलामत, मैं भी देख लूँ मदीना

मेरा दिल तड़प रहा है, मेरा जल रहा है सीना

कि दवा वहीं मिलेगी, मुझे ले चलो मदीना

 

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